रविवार, 28 मार्च 2010

अन्नदाता

क्या आप इंडिया के किसानों के लिये दो आंसू बहाना पसंद करेंगें? वन्दे मातरम्

1 टिप्पणी:

  1. http://navindewangan.blogspot.com/2010/03/blog-post_24.html

    अब आंसु बहाने से कुछ नही होगा,सुखा तन दिखाने से कुछ नही होगा
    अब सुखे जमीन पर आंसमां को देखते हुए फोटो खिचानें से कुछ नहीं होगा
    जमीन लुट रही है हमारी, कांक्रीटो के जंगल के लिए
    इस जंगल में आग लगाने से कुछ नही होगा
    किस्मत आज भी है हमारे हाथों में,किसी के आगे हाथ फैलाने से कुछ नही होगा

    वन्दे मातरम्

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